RCB में Virat Kohli की "एंकर" वाली भूमिका
विराट कोहली जो RCB की तरफ से खेलते हैं, अक्सर टीम को संभालने वाली भूमिका निभाते हैं। फिंच ने बताया कि कोहली में भी मॉडर्न t20 बल्लेबाजों की तरह तेज रफ्तार से रन बनाने की काबिलियत है, पर अगर वह ज्यादा रिस्क लेकर खेलेंगे तो उनकी स्थिरता कम हो सकती है, जो आरसीबी के लिए बेहद जरूरी है।
फिंच ने कहा, "अगर विराट को ज्यादा स्ट्राइक रेट से खेलने हो तो वह कर सकते हैं। पर इससे रिस्क बढ़ेगा और उनकी लगातार अच्छी परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा।" यह बात समझाने की कोशिश की है कि कोहली का धीरे-धीरे रन बनाना टीम के लिए एक स्टेबल बेस तैयार करता है, जिसके ऊपर RCB के दूसरे आक्रामक बल्लेबाज अपना खेल खेल सकें। फिंच ने आगे कहा कि हालांकि t20 क्रिकेट में अब ज्यादा रिस्क लेने का ट्रेंड है,अगर हर खिलाड़ी बिना नुकसान के लगातार तेज स्ट्राइक रेट नहीं बनाए रख सकता।
MI के साथ Rohit Sharma का आक्रामक
अंदाज
वही मुंबई इंडियंस (MI) के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने अपने करियर के बाद के सालों में ज्यादा रिस्की खेल को अपनाया है। फिंच के मुताबिक ऐसा MI के स्ट्रॉन्ग बैटिंग लाइनअप की वजह से संभव हो पाया है।
MI की टीम में इतने योग्य बल्लेबाज हैं कि अगर रोहित शुरुआत में ही आउट हो जाएं, तो भी टीम पारी संभाल सकती है। इसलिए उन्हें शुरू से ही बड़े शॉट्स खेलने की आजादी मिलती है। यहां टीम का दबाव कम होने की वजह से वह ज्यादा रिस्क उठा पाते हैं।
टीम का स्ट्रक्चर और खिलाड़ियों की भूमिका
कोहली और रोहित के खेल का यह अंतर दिखता है की टीम की जरूरतें खिलाड़ियों के स्टाइल को कैसे बदल देती है। RCB को कोहली की स्थिरता पर निर्भर रहना पड़ता है, जबकि MI में रोहित के पास आक्रामक होने शानदार मौका होता है, फिंच ने जोर देकर कहा कि हर टीम का डायनामिक्स अलग होता है, इसलिए सबके लिए एक जैसी उम्मीद रखना गलत है साथ ही टीम की जरूरतों को समझना भी जरूरी है।
IPL 2025 पर पड़ेगा असर?
IPL 2025 में कोहली और रोहित की बल्लेबाजी उनकी टीमों के लिए अहम होगी। RCB की रणनीति कोहली की परफॉर्मेंस के इर्द-गिर्द घूमेगी, ताकि बाकी बल्लेबाज बिना दबाव के खेल सकें। वही MI रोहित के अटैकिंग स्टाइल से शुरुआती ओवरों में ही मैच का रुख मोड़ने की कोशिश करेगी।
दरअसल ये दोनों खिलाड़ियों के बीच का अंतर सिर्फ उनके खेलने के तरीके को ही नहीं, बल्कि उनकी टीमों की जरूरतों को भी दिखता है। कोहली को टीम को संभालना है, तो रोहित पर टीम का दबाव कम है। IPL जैसे टूर्नामेंट में यही बारीकियां मैचों का नतीजा तय करती है, फिर चाहे वो रुक कर खेलना हो या शुरू से ही अटैक करना हो, दोनों ही अपनी-अपनी जगह सही हैं.... बस टीम के हिसाब से।